मिल जाती हम भव्य सागर में पूर्ण होती है आस पिया मिलन की l मिल जाती हम भव्य सागर में पूर्ण होती है आस पिया मिलन की l
शक की कोई गुंजाइश भी हमारी रिश्तों के बीच ना आए। शक की कोई गुंजाइश भी हमारी रिश्तों के बीच ना आए।
सज्जन सौहार्द पूर्ण व्यक्तित्व मृद भाषी लोक विचार महत्व सज्जन सौहार्द पूर्ण व्यक्तित्व मृद भाषी लोक विचार महत्व
हम यूँ ही किसी और को दिल में बसा सकते नहीं। हम यूँ ही किसी और को दिल में बसा सकते नहीं।
शिव वही जो शक्ति से जुड़ते, जो शक्ति नहीं तो शिव ही कैसे। शिव वही जो शक्ति से जुड़ते, जो शक्ति नहीं तो शिव ही कैसे।